दशमूलारिष्ट कब नहीं पीना चाहिए – दशमूलारिष्ट, आयुर्वेद की वह अनमोल औषधि है, जिसे सदियों से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका नाम “दशमूल” इसलिए रखा गया है क्योंकि इसे दस शक्तिशाली जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। यह खासतौर पर वात और कफ के मरीजों के इलाज में असरदार मानी जाती है और शरीर के सभी हिस्सों की सूजन, दर्द और कमजोरी को दूर करने में मदद करती है।
दशमूलारिष्ट के गुण इसके अद्भुत फायदों की वैसे तो एक लंबी सूची हैं। लेकिन यह पाचन तंत्र को सुधारने से लेकर महिलाओं की मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में राहत देने तक, हर समस्या में उपयोगी है। दशमूलारिष्ट न केवल ऊर्जा और ताकत बढ़ाने में उपयोगी है, बल्कि सर्दी-खांसी, गठिया, और शारीरिक थकावट जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है। खास बात यह है कि यह इम्यूनिटी को बूस्ट करके शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए मजबूत बनाती है। आज हम इस ब्लॉग में दशमूलारिष्ट के फायदे और नुकसानों पर चर्चा करेंगे।

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दशमूल में कौन-कौन सी जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं? – What are the ingredients in Dashmool?
दशमूल को बनाने में 10 प्रकार की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है, और यही कारण है कि इसे दशमूल जड़ भी कहा जाता है। इन सभी जड़ी-बूटियों का सही तालमेल दशमूल को सबसे कारगर बना देता है।
- नागकेशर (Messua ferrea) – यह एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है।
- अश्वगंधा (Withania somnifera) – यह स्ट्रेस को कम करने और शारीरिक ताकत बढ़ाने के लिए असरदार है।
- गिलोय (Tinospora cordifolia) – यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जानी जाती है।
- बालू (Tamarindus indica) – शरीर में ऊर्जा बढ़ाने और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करती है।
- ककड़ी (Cucumis sativus) – त्वचा की समस्याओं और पाचन में सुधार करती है।
- त्रिफला (Triphala) – यह शरीर के विकारों को दूर करने में मदद करता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
- वच (Acorus calamus) – यह दिमाग़ को तेज और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।
- चिरपुन (Clerodendrum phlomidis) – यह हमरे शरीर में वात और पित्त को संतुलित रखने में है।
- पलाश (Butea monosperma) – यह महिलाओं के गुप्त रोगों में राहत देने के लिए बहुत कारगर है
- सोंठ (Zingiber officinale) – यह पाचन और गैस की समस्याओं को दूर करता है।
दशमूलारिष्ट कब नहीं पीना चाहिए? when should not drink dashmularishta in hindi
- गर्भावस्था में – गर्भवती महिलाओं को दशमूलारिष्ट के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इसके घटक गर्भाशय पर प्रभाव डाल सकते हैं।
- डायबिटीज के मरीज – डायबिटीज के मरीज इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न लें, क्योंकि इसमें गुड़ की काफी मात्रा होती है।
- ज्यादा गर्मी महसूस होना – अगर आपके शरीर में पहले से ही गर्मी ज्यादा है, तो दशमूलारिष्ट का सेवन करने से समस्या बढ़ सकती है।
- पहले से गंभीर बीमारी – अगर आप पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं या कोई दूर=दूसरी दवाइयां ले रहे हैं, तो दशमूलारिष्ट का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
दशमूलारिष्ट के फायदे – Benefits of Dashmularishta
- शरीर की ताकत बढ़ाए – दशमूलारिष्ट कमजोरी और थकावट को दूर करने में सहायक है। यह शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है और रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करता है।
- पाचन सुधारने में मददगार – यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है और अपच, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत देता है।
- वात रोगों का इलाज – दशमूलारिष्ट विशेष रूप से वात रोगों जैसे गठिया, मांसपेशियों में दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए उपयोगी है।
- मासिक धर्म संबंधित समस्याएं – यह औषधि महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म और मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में मदद करती है।
- सर्दी और खांसी में राहत – इसमें ऐसे गुण हैं जो सर्दी-खांसी और बुखार जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
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दशमूलारिष्ट के नुकसान – Disadvantages of Dashmularishta
दशमूलारिष्ट आयुर्वेदिक होने के बावजूद, गलत तरीके से सेवन करने पर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं –
- पेट में जलन – इसे ज्यादा मात्रा में लेने पर यह पेट में जलन और एसिडिटी बढ़ा सकता है।
- डायरिया – जरूरत से ज्यादा सेवन करने से दस्त की समस्या हो सकती है।
- डायबिटीज रोगियों के लिए सावधानी – इसमें गुड़ होने के कारण, मधुमेह के मरीजों को डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
दशमूलारिष्ट किस बीमारी में काम आता है? – Who can use Dashmularishta?
Dashmularishta uses in Hindi – दशमूलारिष्ट का उपयोग कई तरह की बीमारियों में किया जाता है, विशेष रूप से इसे महिलाओं में पीरियड्स की समस्याओं से लेकर मेनोपॉज तक की समस्याओं में राहत के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह शरीर में होने वाली सूजन, दर्द, और कमजोरी को भी दूर करता है।
दशमूलारिष्ट का नियमित सेवन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और शरीर के अंदरूनी असंतुलन को ठीक करता है। यह पाचन तंत्र को सुधारने और वज़न घटाने में भी सहायक है। इस दवा का असर शरीर के लगभग सभी अंगों पर देखा जा सकता है, और इसके सेवन से शरीर में ऊर्जा का तेजी से संचार होता है।
क्या मैं पीरियड्स के दौरान दशमूलारिष्ट ले सकता हूँ? – Can I take Dashmularishta during periods?
देखा जाये तो कई महिलाएँ पीरियड्स के दौरान किसी भी औषधि का इस्तेमाल करने से डरती हैं। मगर दशमूलारिष्ट का सेवन पीरियड्स के दौरान किया जा सकता है, लेकिन इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
दशमूलारिष्ट में मौजूद जड़ी-बूटियाँ महिलाओं के शरीर को संतुलित करती हैं और पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करती हैं। यह पीरियड्स में होने वाली सूजन, दर्द और थकान को भी कम करने में मदद करता है।
दशमूलारिष्ट की कितनी बोतल पीनी चाहिए? – How to drink Dashmularishta?
दशमूलारिष्ट का सेवन सही मात्रा में किया जाना बहुत जरूरी है। आमतौर पर 2 से 3 चम्मच (10 से 15 मिली) दशमूलारिष्ट को दिन में दो बार लेना चाहिए। इसे पानी के साथ लिया जा सकता है। हालांकि, इस बात का भी ध्यान रखें कि यह मात्रा व्यक्ति की सेहत, वजन आदि अलग अलग होते हैं, इसलिए इसे डॉक्टर से सलाह के आधार पर ही लेना चाहिए।
दशमूलारिष्ट कितने दिन पीना चाहिए? – How to take Dashmularishta syrup?
दशमूलारिष्ट का सेवन एक निश्चित अवधि के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसे 30 से 45 दिनों तक लिया जा सकता है। हालांकि, इसका उपयोग व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सक की सलाह के आधार पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। अगर शरीर में कोई पहले से समस्या है, तो दशमूलारिष्ट का सेवन डॉक्टर से परामर्श के साथ लंबे समय तक किया जा सकता है।
निष्कर्ष
दशमूलारिष्ट एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो दस शक्तिशाली जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार की जाती है। यह खासतौर पर वात और कफ से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यह दवा महिलाओं की मासिक धर्म संबंधी समस्याओं, पाचन तंत्र की गड़बड़ियों, सर्दी-खांसी, और शारीरिक कमजोरी के लिए बेहद उपयोगी है। दशमूलारिष्ट का नियमित सेवन न केवल शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है बल्कि ऊर्जा और ताकत भी बढ़ाता है।
इसके इलावा, इसका सही मात्रा में सेवन बेहद जरूरी है। जरूरत से ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन, दस्त, या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। मधुमेह के मरीजों को विशेष रूप से इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसमें गुड़ होता है।
दशमूलारिष्ट कई समस्याओं में लाभकारी है, लेकिन इसे पीरियड्स के दौरान या लंबे समय तक उपयोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करना चाहिए। सही तरीके और समय पर सेवन करने से दशमूलारिष्ट आपके शरीर के संतुलन को बनाए रखने में और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
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