लैट्रिन के रास्ते में जलन हो तो क्या करना चाहिए?

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लैट्रिन के रास्ते में जलन हो तो क्या करना चाहिए: लैट्रिन के रास्ते में जलन या मलद्वार में जलन (Anal Burning) एक सामान्य समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना कई बार बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकतीआजकल इंसान का जीवन इतना व्यस्त हो जाता है कि वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाता है, जिसके कारण उसे कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जिसमें से लैट्रिन के रास्ते में जलन या मलद्वार में जलन (Rectal pain and pressure) भी एक समस्या है, देखा गया है की इस बीमारी को नजरअंदाज करना कई बार बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है।

वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं। इस ब्लॉग (मलद्वार में जलन) में हम इसके कारण, लक्षण, और इलाज के साथ-साथ घरेलू उपाय और दवाइयों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। ताकि आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकें। है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इस ब्लॉग (लैट्रिन के रास्ते में जलन हो तो क्या करना चाहिए) में हम इसके कारण, लक्षण, और इलाज के साथ-साथ घरेलू उपाय और दवाइयों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

मलद्वार में जलन के कारण

मलद्वार में जलन के कुछ मुख्य कारण होते हैं जो हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

  • बवासीर (Piles): बवासीर के कारण मलद्वार में सूजन और जलन हो सकती है। यह समस्या लंबे समय तक कब्ज रहने के कारण होती है।
  • मलत्याग के दौरान ज्यादा दबाव डालना: बार-बार सख्त मल त्यागने से मलद्वार में चोट या जलन हो सकती है।
  • खाद्य एलर्जी: मसालेदार भोजन, एसिडिक फूड्स या अधिक मात्रा में कैफीन लेने से भी जलन हो सकती है।
  • संक्रमण (Infections): फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण मलद्वार में जलन का एक कारण हो सकता है।
  • फिशर (Fissures): मलद्वार में दरारें बहुत ज्यादा दर्द और जलन पैदा कर सकती हैं।
  • डायरिया: बार-बार पतला दस्त होने से मलद्वार में त्वचा पर रगड़ लगती है, जिससे जलन होती है।
  • हाइजीन की कमी: स्वच्छता का ध्यान न रखने से संक्रमण और जलन हो सकती है।
  • त्वचा रोग: एग्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याएं भी मलद्वार में जलन का कारण बन सकती हैं।
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मलद्वार में जलन के लक्षण

मलद्वार में जलन के कुछ मुख्य लक्षण होते हैं जो हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

  • जलन महसूस होना: मल त्यागते समय या बाद में जलन महसूस होना।
  • सूजन और लालिमा: मलद्वार के आसपास सूजन या लालिमा।
  • खून का आना: मल त्यागते समय या मल त्यागने के बाद खून आना।
  • खुजली या चुभन: मलद्वार में खुजली या चुभन का महसूस होना।
  • बैठने में असुविधा: बैठने के दौरान मलद्वार में दर्द का होना।

मलद्वार में जलन की दवा पतंजलि

मलद्वार में जलन को मिटाने के लिए वैसे तो मार्किट में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं। लेकिन नीचे पतंजलि, अंग्रेजी और आयुर्वेदिक दवाएं बताई गई है जिसे इस्तेमाल करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

मलद्वार में जलन की पतंजलि की दवाएं

पाइलस टैबलेट: यह बवासीर और जलन के लिए फायदेमंद है।
घृतकुमारी जेल: इसे मलद्वार पर लगाने से जलन और सूजन में राहत मिलती है।
त्रिफला चूर्ण: कब्ज दूर करने और मल त्याग को सहज बनाने में सहायक।

लैट्रिन के रास्ते में जलन हो तो क्या करना चाहिए

अरंडी का तेल: मल को मुलायम बनाकर जलन को कम करता है।
नीम का तेल:
संक्रमण और जलन में लाभकारी।

मलद्वार में सूजन और दर्द का इलाज

  • गुनगुने पानी से Sitz Bath: एक टब में गुनगुना पानी भरकर उसमें बैठें। यह सूजन और जलन में राहत देता है।
  • एलोवेरा जेल: प्राकृतिक रूप से ठंडक पहुंचाने वाला एलोवेरा जलन और सूजन को कम करता है।
  • नारियल तेल: यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है और सूजन में मदद करता है।
  • फाइबर युक्त भोजन: कब्ज से बचने के लिए अपने आहार में फाइबर शामिल करें जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज।
  • पानी अधिक पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखने से मल को सख्त होने से बचाया जा सकता है।
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मलद्वार में दर्द और जलन का घरेलू इलाज

  • नींबू और शहद: एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से पाचन बेहतर होता है और कब्ज से राहत मिलती है।
  • दही का सेवन: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।
  • हल्दी और दूध: रात को सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन सूजन और जलन में राहत देता है।
  • इसबगोल की भूसी: इसे पानी के साथ लेने से मल त्याग में आसानी होती है।
  • सरसों का तेल: मलद्वार पर हल्का सरसों का तेल लगाने से जलन और दर्द कम होता है।

मलद्वार में जलन को रोकने के उपाय

  • स्वच्छता का ध्यान रखें: हर बार मल त्याग के बाद गुनगुने पानी से सफाई करें।
  • ढीले कपड़े पहनें: तंग कपड़े पहनने से घर्षण बढ़ सकता है।
  • मसालेदार भोजन से बचें: तीखा और मसालेदार खाना जलन को बढ़ा सकता है।
  • लंबे समय तक बैठने से बचें: एक ही स्थिति में ज्यादा देर तक बैठने से मलद्वार पर दबाव बढ़ता है।
  • प्रोबायोटिक्स लें: दही, छाछ, और अन्य प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं।

मलद्वार में सूजन और जलन के लिए योग और व्यायाम

मलासन (Garland Pose): यह पाचन में सुधार करता है और मलद्वार के आसपास के मांसपेशियों को आराम देता है।
वज्रासन: भोजन के बाद 5-10 मिनट इस आसन में बैठने से पाचन अच्छा रहता है।
पवनमुक्तासन: गैस और कब्ज की समस्या को कम करता है।
कपालभाति प्राणायाम: यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और जलन कम करता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर नीचे बताये गए लक्षणों में से कोई भी दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:-

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जलन लंबे समय तक बनी रहे।
मल में खून आना।
बुखार या थकान महसूस होना।
मलद्वार में गांठ या कठोरता महसूस होना।

निष्कर्ष

दोस्तों आज अपने इस ब्लॉग में विस्तार से जाना की कैसे मलद्वार में जलन एक असहज लेकिन सामान्य समस्या है, जिसे समय पर ध्यान देकर ठीक किया जा सकता है। सही खानपान, स्वच्छता, और घरेलू उपायों से इस समस्या से बचा जा सकता है। अगर समस्या गंभीर हो या घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। पतंजलि और अंग्रेजी दवाएं दोनों ही इस समस्या में प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन उनका उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें। इसके साथ साथ स्वास्थ्य का ख्याल रखें और जीवनशैली में सुधार करके मलद्वार से जुड़ी समस्याओं से बचें।

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